Re: कुछ यहाँ वहां से............
"कई बार तो देख चुकी हूँ कि खुद तुम्हारा मोबाईल उस कलमुँही की अधनंगी तस्वीरों और विडियोज़ से भरा पड़ा है "..
"पता नहीं ऐसा क्या धरा है इस मुय्यी राखी की बच्ची में कि बच्चे...बूढे सब उसी पे लट्टू हुए जा रहे हैँ?....मेरा बस चले तो अभी के अभी कच्चा चबा जाऊँ"...
"अरे!..तुम्हें क्या पता कि क्या गज़ब की आईटम है ...आईटम क्या पूरी बम्ब है बम्ब"....
"उसका फिगर...उसकी सैक्स अपील...वल्लाह...क्या कहने?"मैँ मन ही मन बुदबुदाया..
"अरे!..सब का सब नकली माल है...उसका असली ...बिना मेकअप पुता चौखटा देख लो तो कभी फटकोगे भी नहीं उसके पास"बीवी ने मानो मेरे मन की बात भांप ली थी....
मैं कुछ कहने ही वाला था कि ट्रिंग..ट्रिंग...की सुरीली ताने के साथ फोन घनघना उठा .....
"सुनो!...अगर कोई मेरे बारे में पूछे तो कह देना कि अभी आए नहीं हैँ"...
"क्यों?...क्या हुआ?...बात क्यों नहीं करना चाहते?"..
"कहा ना"...
"क्या?"..
"यही कि...कोई मेरे बारे में पूछे तो साफ मना कर देना"...
"हुँह!....खुद तो पहले से ही सौ झूठ बोलते हैँ और अब मुझसे भी बुलवा रहे हैँ"..
"समझा कर यार"मैँ रिकवैस्ट भरी नज़रों से देखता हुआ बोला....
"क्या समझूँ?"...
"प्लीज़"..
"ठीक है!...इस बार तो बोले देती हूँ लेकिन अगली बार नहीं "...
"ठीक है...अभी की मुसीबत तो निबटाओ...बाद की बाद में देखेंगे"...
"हैलो.."..
"नमस्ते.."...
"जी.."..
"जी.."...
"अभी तो आए नहीं हैँ...हाँ!..आते ही मैसैज दे दूंगी
"ओ.के....बाय...ब्ब बॉय"...
"कौन था?"...
"वही..तुम्हारी माशूका...'कम्मो'....और कौन?"...
"तो फिर दिया क्यों नहीं फोन?"...
"तुमने खुद ही तो मना किया था"...
"इसके लिए थोड़े ही किया था"...
"और किसके लिए किया था?"...
"व्वो...वो तो ...दरअसल .....
"याद करो...तुमने ही कहा था कि जो कोई भी हो...साफ मना कर देना"...
"तुमसे तो बहस करना ही बेकार है..अपने आप दिमाग नहीं लगा सकती थी क्या?"..
"गल्तियाँ तुम करो और उन्हें भुगताऊँ मैँ?"...
"ओ.के बाबा!...मेरी ही गलती है...तुम्हें साफ़-साफ़ नहीं बताया ....तुम सही...मैँ गलत"....
"अब ठीक?"...
"हम्म!......
"और तुम्हें पिछली बार भी समझाया था कि 'कम्मो' मेरी माशूका नहीं....बल्कि बहन है"...
"सब पता है मुझे कि कौन?..किसकी?...कैसी बहन है?...और...कौन?...किसका?...कैसा भाई है?"...
"क्या मतलब?...मतलब क्या है तुम्हारा?"मैँ आगबबूला हो उठा...
"सब जानते हो तुम कि मेरे कहने का क्या मतलब है"..
"ट्रिंग..ट्रिंग... ट्रिंग..ट्रिंग" तभी ट्रिंग..ट्रिंग करता फोन फिर से चिंघाड़ उठा
"जो कोई भी मेरे बारे में पूछे ...साफ इनकार कर देना"...
"नहीं...बिलकुल नहीं"..
"पक्का..इस बार उसी का होगा"मैँ बड़बड़ाता हुआ बोला...
cont.........
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