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Originally Posted by ndhebar
आज चैम्पियंस लीग का फाइनल है, बंगलुरु और मुंबई के बिच
फाइनल में भिड़ने वाली दोनों टीमें भारतीय ही है अतः एक बात तो पक्की है की खिताब इस बार भी भारत में ही रहेगा
पिछली बार चेन्नई ने इसे अपने कब्जे में किया था जबकि इस बार ये सेमीफाइनल में भी जगह नहीं बना सकी
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क्या यह भारत का विश्व क्रिकेट पर प्रभुत्व का सबूत है?
क्या इंग्लैंड दौरे के बाद अब भी ऐसा सोचा जा सकता है?
क्या भारतीय खिलाड़ी जहाँ पैसा देखते है वही अपना पूरा जोड़ लगाते हैं? टेस्ट क्रिकेट तो बस फोर्मलिटी है, २० २० में असली पैसा है???
काफी सवाल है जेहन में इस खबर के बाद..