Re: कुछ यहाँ वहां से............
"खाऊँगा-पीऊँगा नहीं तो कम से कम कुछ तो...
"अरे यार!..मैँ खुद कुछ नहीं कमा रहा...कसम से"...
"लेकिन मैँने फोकट में काम करना छोड़ दिया है"मेरा दृढ़ स्वर...
"सोच लो!...ऐसे मौके बार-बार नहीं मिलते...खुद...मंत्री जी ने खास तुम्हारी डिमांड की है"...
"म्म..मंत्री जी ने?"...
"और नहीं तो क्या संतरी जी ने?"...
"दरअसल!...बात ये है कि लालकिले वाले मुशायरे में तुमने उस विरोधी पार्टी के नेता की बखिया उधेड़ी थी ना"...
"तो?"...
"बस!...तभी से मुरीद हो गए हैँ तुम्हारे...सीधा कहने लगे कि तनेजा को ज़रूर बुलाना...घणा एण्डी लिखे सै"...
"मंत्री जी ने खुद ऐसा कहा?"...
"और नहीं तो क्या?" ...
"लेकिन मुझे तो दवाई लेने भी जाना था"...
"और हाँ!...राखी सावंत का आईटम नम्बर भी रखवाया है"...
"राखी सावंत का?"...
"हाँ भय्यी!...राखी सावंत का...खास...तुम्हारे लिए"...
"ठीक है!...तो फिर मैँ टाईम पे पहुँच जाऊँगा"...
"और दवाई?"..
"कोई बात नहीं...कुछ तबियत तो उसका नाम सुनते ही ठीक हो गई है" ...
"हा हा हा ....और बाकि उसके ठुमके देख के अपने आप हो जाएगी"
"जी!...बिलकुल"
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