Re: नेहरु भी चाहते थे कश्मीर में जनमत संग्रह
संयुक्त राष्ट्र संघ के तत्वावधान में
6. भारतीय संविधान सभा में 25 नवंबर, 1947 को अपने वक्तव्य में पंडित नेहरू ने कहा, "हमारे सद्भाव को प्रमाणित करने के लिए हमने यह प्रस्ताव रखा है कि जब जनता को अपने भविष्य का फ़ैसला करने का अवसर दिया जाए तो ऐसा किसी निष्पक्ष ट्राइब्यूनल के तत्वावधान में होना चाहिए, जैसे कि संयुक्त राष्ट्र संघ. कश्मीर में मुद्दा यह है कि भविष्य का फ़ैसला नग्न ताकत से होना चाहिए या फिर जनता की इच्छा से."
7. भारतीय संविधान सभा में 5 मार्च, 1948 को अपने वक्तव्य में पंडित नेहरू ने कहा, "विलय के समय भी हमने अपेक्षा से आगे जा कर यह एकतरफ़ा घोषणा की थी कि हम जनमत में कश्मीर की जनता द्वारा लिए गए निर्णय का सम्मान करेंगे. हमने आगे यह भी ज़ोर देकर कहा था कि कश्मीर की सरकार तुरंत एक लोकप्रिय सरकार होना चाहिए. हम लगातार इस वचन पर कायम रहे हैं और जनमत (प्लेबीसाइट) कराने के लिए तैयार हैं, जिसमें न्यायपूर्ण मतदान करने की पूरी सुरक्षा हो तथा हम कश्मीर के लोगों के निर्णय का पालन करने के लिए भी वचनबद्ध हैं.
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