Re: बज्जिका रामायण
क्या बात है अशोक जी, आज पता चल गया यह दुनिया बहुत छोटी है.
आप जो पुस्तक पोस्ट कर रहे है वो डॉक्टर अव्देश्वर अरुण जी ने लिखी है और वो बिहार विश्वविद्यालय में हिंदी के प्रोफ़ेसर थे. मेरे पिता भी वहां हिंदी के प्रोफ़ेसर हैं. अरुण जी का अक्सर हमारे घर आना जाना रहता था. आज यह सब बिन्दुए इस हिंदी मंच पर आ कर जुड़ गयी हैं.
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