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Originally Posted by dark saint
शुक्रिया, खालिद भाई ! इसीलिए खुदा गंजे को नाखून नहीं देता अर्थात आपके इस बन्धु को अल्लाह तआला ने दौलत बख्शी होती, तो निश्चित ही वह एक ऐसा ही अखबार निकालता, जिसे ऎसी ऊल-जुलूल ख़बरों के कारण कोई नहीं पढ़ता !
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हा हा हा
आप के अखबार को पढने के लिए हमलोग तो हैँ ना
वैसे अल्लाह आप को कामयाब करे
आमिन आज नहीँ तो कल