Re: राजस्थानी कहावतों का अद्भुत संसार
अजगर पड्यो उजाड़ में, दाता देवण हार !
अजगर जंगल में पड़ा रहता है, कोई उद्यम नहीं करता, फिर भी भगवान् उसका भरण-पोषण करते हैं !
प्रसंगवश इसी से सम्बंधित दो पद्य भी यहाँ प्रस्तुत हैं -
1 . इजगर पूछै बिजगरा, कहा करत हो मिंत !
पड्या रहा हां धूळ में, हरी करत हैं चिंत !!
2 . अजगर करै न चाकरी, पंछी करै न काम !
दास मलूका कह गए, सबके डाटा राम !!
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
Last edited by Dark Saint Alaick; 22-10-2011 at 05:10 PM.
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