क्या जरुरी है की महात्मा गाँधी की हर बात मानी जाए. अहिंसा एक हद तक सही है लेकिन अगर दुश्मन सीमा पार से हम पर हमला बोल देता है या हमारे जमीन पर कब्ज़ा कर लेता है तो आप ही बताइए अहिंसा से कुछ हो सकता है क्या..
इस मामले में अन्ना का बयान बिलकुल सही है.
मैं मानता हूँ आज भी भारत के मस्तक का एक हिस्सा पाकिस्तान के कब्जे में और उसे किसी भी तरह से हासिल करना ही होगा.
यह सम्पूर्ण भारत वर्ष के मान और मर्यादा का सवाल है.
इस नक़्शे में को देखिये क्या हालत है भारत के मस्तक की, एक तरफ पाकिस्तान ने कब्ज़ा जमा रखा है दुसरे तरफ चीन कुंडली मार कर बैठा है.
जी हाँ दोस्तों यह हमारी जमीन है, और हम पिछले ६४ साल से हाथ पर हाथ रख कर बैठे हैं. सन ७१ में इंदिरा गाँधी के पास मौका था, लेकिन उन्होंने अपनी कमजोर नीतियों के कारण यह मौका गवां दिया.
आप ही बताइए यह हमारी भूमि हमें फिर से कैसे मिलेगी...
क्या उपाय है..