14-11-2011, 08:07 AM
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अति विशिष्ट कवि
Join Date: Jun 2011
Location: Vinay khand-2,Gomti Nagar,Lucknow.
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बाल कविता ~ मदारी का खेल
रामू , सलमा , जस्सी ,विक्टर , भूल जाओ सब गम ;
आओ दोस्तों तुम्हें सुनाएँ बात मजे की हम .
एक बार की बात , मदारी निकला इक बन - ठन ;
साज - धाज में उसकी बन्दरिया नहीं थी उससे कम .
मदारी ने डमरू बजाया , डम -डम -डम -डम -डम ;
बन्दरिया ने खींस निपोरी , खी -खी -खी -खी -खी .
मदारी ने छड़ी को पटका , पट -पट -पट -पट -पट ;
डर के बन्दरिया लगी नाचने , छम -छम -छम -छम -छम .
दर्शक बच्चे हँसे जोर से , हा -हा -हा -हा -हा ;
और मस्त हो पैसे फेंके , खन -खन -खन -खन -खन .
रचयिता~~~डॉ. राकेश श्रीवास्तव
विनय खण्ड-२,गोमती नगर,लखनऊ.
Last edited by Dr. Rakesh Srivastava; 14-11-2011 at 08:22 AM.
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