और रही चमता की बात तो आप एक बाल्टी में केकड़े दाल दो... तीनो कही नहीं जा पाएंगे... एक चडेगा तो दूसरा खीचेगा, और तेस्सर तो दोनों खीचेगे... बेचारे बाल्टी में रह जाते है... तरक्की शब्द वेकार है... हम आज अपनी खुसी से खुस नहीं है, बरन दुस्ख इस बात का है की अगला सुखी क्यों है .... हा हा हा ...
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