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Old 01-01-2012, 01:15 PM   #102
aksh
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Default Re: आइए भारत को भ्रष्टाचार मुक्त बनाएं

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Originally Posted by arvind View Post
मित्र, बिहार मे अब काफी सुधार देखा जा रहा है। और इसका श्रेय बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार जी को जाता है।
मैं बिहार के मुख्यमंत्री श्री नितेश कुमार जी द्वारा चलाये जा रहे शासन को अच्छा मानता हूँ...पर उनकी बहुत सारी उपलब्धि सिर्फ इस बजह से ही है क्योंकि वहाँ पर पूरे पन्द्रह वर्ष तक घोर कुशासन था......

जो भी नीतेश कुमार कर रहे हैं....वैसा ही एक मुख्यमंत्री को करना चाहिए....अर्थात वो सिर्फ नोर्मल मोड में सरकार चला रहे हैं...यदि इनसे पिछले मुख्यमंत्री ने ये सब पिछले पन्द्रह सालों में किया होता तो इन नीतेश कुमार जी को अच्छी सरकार चलाने का श्रेय पाने के लिए कम से काम दोगुना करके दिखाना पड़ता..

मैं बिहार की जनता को बधाई देना चाहता हूँ कि उन्होंने इस बात को पहचान लिया कि जात पात और हंसी ठट्ठे से प्रदेश का भला नहीं होने वाला है....और उन्होंने सता परिवर्तन किया...अब मैं उत्तर प्रदेश और बिहार की तुलनात्मक स्थित पेश करना चाहता हूँ...जो कि इस बात को रेखांकित करने के लिए है कि कुशासन में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जी ने सारी सीमाएं तोड़ दी थीं...

१. पूरे बिहार में राज्य सड़क परिवहन की एक भी बस परिचालन में नहीं थी.....सिर्फ नेताओं, उनके चेलों, पुलिसियों और छुटभैये और बड़े गुंडों की बसें और अन्य वाहन ही
जनता को उपलब्ध थे..... ( उत्तर प्रदेश में ऐसा किसी के भी शासन में नहीं हुआ....)

२. पूरे राज्य में कोई भी ऐसा विश्विद्यालय अथवा राज्य शिक्षा परिषद नहीं था जो समय रहते अपना सत्र पूरा कर पा रहा था...नतीजा बिहार का युवक अपनी शिक्षा पूरी करते करते
ही अधेड़ उम्र का हो चलता था और अपने आप को कम्पटीशन में कहीं पर भी नहीं पाता था...नातीजा हताशा, बेरोजगारी और गरीबी.....
( उत्तर प्रदेश में कहीं पर भी ऐसा उदाहरण नहीं है...)

३.शिक्षा विभाग में इस कदर बेहाली थी कि अध्यापकों को साल साल भर से ज्यादा तक तनख्याह की भी व्यवस्था नहीं हो पाती थी....तो ऐसे में पढाई के बारे में तो भूल ही जाना
बेहतर था...... ( उत्तर प्रदेश में ऐसा कभी भी नहीं था....)

मैंने यहाँ पर उत्तर प्रदेश का उदाहरण इसलिए नहीं दिया है कि उत्तर प्रदेश बहुत ही अच्छा और कुशल नेतृत्व वाला राज्य है...पर वहाँ पर इतनी अकुशल और नकारा सरकारों के बावजूद कोई भी सरकार इस तरह की नहीं आयी जिसने प्रदेश को इस तरह गर्त में धकेल दिया हो...जैसा कि बिहार में हुआ....

इस उदाहरण के द्वारा मैं सिर्फ ये जानना चाहता हूँ...कि अन्ना जी ने या किसी अन्य हस्ती ने उनके खिलाफ कोई आंदोलन क्यों नहीं चलाया....???

क्यों उनको पद्रह साल तक प्रदेश की जनता की भावना से खिलवाड़ करने का मौक़ा मिलता रहा...???

क्या ये जनता की कमी नहीं है कि उसने जागने में पन्द्रह साल का समय लिया....??? या ये जगाने वाले अन्ना जैसे लोगों की कमी थी...जो कुछ मंत्रिओं को बर्खाश्त करवा कर ही खुश थे....उनको बिहार की तरफ देखने की कभी सुध ही नहीं आयी....???

क्या ये उन विपक्षी दलों की हार नहीं थी....जो बिहार को इस दानव के चंगुल से नहीं छुडा सके...जिसने वहाँ पर सब कुछ ही तहस नहस कर दिया था...??? क्यों दो मुख्य दल अपने राजनीतिक मतभेदों को बुला कर प्रदेश की जनता को न्याय दिलवाने के लिए एक ना हो सके....??? क्यों वहाँ पर उनके खिलाफ मिल कर चुनाव नहीं लड़ा जा सका...??
क्योंकि सभी दलों को अपनी अपनी रोटियां अलग अलग ही सेकनी हैं....???

ऐसे आदमी को आज भी वहाँ की जनता ने अपना प्रतिनिधि चुन कर संसद में भेज रखा है तो ये कौन सी अन्ना जी की जीत है....??? अन्ना और उनकी टीम कभी उनके राज्य में उनके खिलाफ चुनाव प्रचार करने क्यों नहीं उतरी....???

क्या पन्द्रह साल के उस शासन से बुरी कोई चीज इस देश में हो सकती है....?? अगर नहीं तो फिर क्यों वो आज भी बिहार से सांसद हैं...??? उनके खिलाफ तो बिहार के लाखों करोड़ों लोगों के भविष्य पर दिन दहाड़े डाका डालने के लिए चौराहे पर मुकदमा चलना चाहिए था....??

मेरे कहने का मतलब वही है...कि आज बिहार में उसी राजनीति के जरिये परिवर्तन हुआ है...तो देश में भी राजनीति के जरिये ही परिवर्तन होगा....कम से कम खुली लूट तो रुकनी ही चाहिए....और ये परिवर्तन तभी आएगा जब अन्ना अपनी सोच को थोडा आगे ले जाकर राजनीति में अच्छे लोगों का आना प्रशस्त करेंगे....क्योंकि राजनीति ही देश के सरकार चलाने का एक मात्र माध्यम है....
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Last edited by aksh; 01-01-2012 at 01:30 PM.
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