Re: Jokes in Haryanavi
इस्सै बात पै तै लड़ाई हो रही सै
एक बै भुंडू हर कै घरां लड़ाई हो-गी । भुंडू बाहर जा-कै खड़ा हो-ग्या ।
घर में रौळा सा सुण कै एक बूढा रुक-ग्या अर भूंडू तैं बूझण लाग्या - बेटा, इस घर में के रौळा सा हो रहया सै ?
भूंडू बोल्या - खसम-बीर लड़ण लाग-रे सैं ।
बूढ़ा फेर बूझण लाग्या - तू किसका छोरा सै ?
भूंडू - इस्सै बात पै तै लड़ाई हो रही सै !!
कुत्ती की सेवा
भूंडू बेचारे की मां गर-गी । उसका बाबू कई साल पहल्यां-ए मर-ग्या था । ईब भूंडू के घर में कुल दो प्राणी रह-गे - वो खुद, अर उसकी बहू ।
भूंडू सारा दिन माड़ा-सा मन बणा कै बैठा रहता । उनके घरां एक कुत्ती आया करती । एक दिन भूंडू आपणी बहू तैं बोल्या - "देख भागवान, न्यूं कहया करैं अक मरे पाच्छे आदमी की जूणी (योनि) बदल ज्या सै । के बेरा, मेरी मां या कुत्ती बण-गी हो । देख, इसकी खूब सेवा करया कर ।"
फिर भूंडू की बहू उस कुत्ती की आच्छी सेवा करण लाग-गी । उसनै रोटी खुवाती, कदे लस्सी पिलाती । एक दिन के होया, उस कुत्ती गैल्यां लाग-कै एक कुत्ता भी घरां आ-ग्या ।
भूंडू की बहू घूंघट काढ़ कै घर का काम करण लाग रही थी । भूंडू नै देख्या अक कोए बड्डा आदमी भी कोन्या दीखता हाड़ै, तै फिर या घूंघट किस तैं काढ़ रही सै ? भूंडू उस तैं बोल्या - "भागवान, यो घूंघट किस-तैं काढ़ रही सै ?"
उसकी बहू बोल्ली - "देख बाहर, तेरी मां गैल्यां तेरा बाबू भी आ रहया सै" !!
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