Re: द ग्रेट मास्टर "किशोर कुमार" (1929-1987)
किशोर डा सभी तरह के गाने में खिल जाते थे... खास कर उनके अल्हड गाने की तो बात ही निराली.... क्या अल्हड़पन होता था.... और जब रोमेंटिक हो या फिर सेड... सब में दिल खोलकर.... एक बार कानो में पड़ा गूंजता ही रहता है...... सबसे प्रिय गाना मेरा...........
आ चल के तुझे मैं लेके चलूँ एक ऐसे गगन के तले... जहाँ गम भी नो हो आंसू भी ना हो बस प्यार ही प्यार पले....
जिसकी गायक, संगीत और गीतकार खुद किशोरदा...........
दूसरा गाना....
रात कलि एक ख्वाब में आयी... और गले का हार हुई...
सुनते ही कुछ अलग सा एहसास महसूस होता है जो बयान कर पाना मुश्किल है..............
|