Re: जिसने ग़म को साध लिया
एक और उम्दा नज्म
एक साहित्य प्रेमी को आपकी कविताओं को पढने के बाद वही सुकून हासिल होता है, जो भोजन के शौक़ीन को एक लजीज व्यंजन ग्रहण करने के बाद मिलता है
धन्यवाद
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घर से निकले थे लौट कर आने को
मंजिल तो याद रही, घर का पता भूल गए
बिगड़ैल
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