Re: अनमोल वचन : जीवन तर्क
तेरी आवाज़ पे कोई ना आये तो फिर चल अकेला रे -2
फिर चल अकेला चल अकेला चल अकेला चल अकेला रे
ओ तू चल अकेला चल अकेला चल अकेला चल अकेला रे
तेरी आवाज़ पे कोई ना आये तो फिर चल अकेला रे -2
फिर चल अकेला चल अकेला चल अकेला चल अकेला रे
यदि कोई भी ना बोले ओरे ओ रे ओ अबाघे कोई भी ना बोले
यदि सभी मुख मोड़ रहे सब डरा करे -2
तब डरे बिना ओ तू मुक्तकंट अपनी बात बोल अकेला रे
ओ तू मुक्तकंट अपनी बात बोल अकेला रे
तेरी आवाज़ पे कोई ना आये तो फिर चल अकेला रे-2
यदि लौट सब चले ओरे ओ रे ओ अबाघे लौट सब चले
यदि रात गहरी चलती कोई गौर ना करे -2
तब पथ के कांटे ओ तू लहू लोहित चरण तल अकेला रे
तेरी आवाज़ पे कोई ना आये तो फिर चल अकेला रे -2
यदि दिया ना जले ओरे ओ रे ओ अबाघे दिया ना जले
यदि बदरी आंधी रात में द्वार बंद सब करे -2
तब वज्र शिखा से तू ह्रदय पंजर चला और चल अकेला रे
ओ तू हृदय पंजर चला और चल अकेला रे
तेरी आवाज़ पे कोई ना आये तो फिर चल अकेला रे -2
फिर चल अकेला चल अकेला चल अकेला चल अकेला रे
ओ तू चल अकेला चल अकेला चल अकेला चल अकेला रे
रबिन्द्रनाथ टैगोर
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