Re: स्वास्थ्यवर्द्धक समाचार : नए शोध और खोजें
स्वस्थ रहना है तो लाइफ स्टाइल बदलिए
बरेली। हृदय रोग से बचना है तो लग्जरी लाइफ और तेल मसालायुक्त भोजन छोड़ना ही होगा तथा नियमित व्यायाम और श्रम करना होगा। भारतीय रेलवे चिकित्सा एसोसिएशन के एक कार्यक्रम में पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य चिकित्सा निदेशक डा. एस.के . अग्रवाल ने कहा है कि हृदय रोगी यदि अपनी जीवन शैली में नियमित व्यायाम, कम वसायुक्त भोजन, मादक पदार्थों का कम से कम प्रयोग, धूम्रपान तथा तम्बाकू के सेवन को त्यागते हैं तो वे आसानी से स्वस्थ जीवन एवं दीर्घ आयु प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि देश में मधुमेह रोगियों की संख्या में भारी बढ़ोत्तरी हो रही है। मधुमेह रोगियों में हृदय रोग की चार गुणा संभावना बढ़ जाती है। अत: लाइफ स्टाइल मॉडिफिकेशन से ही हृदय रोग एवं मधुमेह से बचा जा सकता है। डा. अग्रवाल ने बुधवार को भारतीय रेलवे चिकित्सा सेवा एसोसिएशन द्वारा पूर्वोत्तर रेलवे इज्जतनगर मण्डल मुख्यालय बरेली के तत्वावधान में चिकित्सा शिक्षण कार्यक्रम लाइफ स्टाइल मॉडिफिकेशन इन कोरोनरी आर्टरी डिजीज एंड हाइपरटेंशन विषय पर आयोजित एक व्याख्यान में कहा कि शिक्षा एक सतत प्रक्रि या और ज्ञान एक शक्ति है। इसलिए चिकित्सीय क्षेत्र में हो रही नई तकनीक के विकास की जानकारी के आदान-प्रदान में यह कार्यक्रम एक मंच प्रदान करेगा। इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. एम.पी. रावल ने कहा कि विभिन्न रोगों के इलाज के तकनीकों में नित नए बदलाव हो रहे हैं तथा नई-नई दवाएं उपलब्ध हो रही हैं। ऐसे में रेलवे चिकित्सकों को निरंतर अपने आपको अपडेट करना अत्यंत आवश्यक है। बरेली के उपजिला अधिकारी डा. के .के . मिश्रा ने मैनेजमेंट आफ टयूबर क्लोसिस बाइ डाट्स विषय पर व्याख्यान देते हुए बताया कि क्षय रोग की जानकारी बलगम जांच से की जाती है जिन्हें दो सप्ताह से ज्यादा खांसी की शिकायत होती है उनकी दो जांचें की जाती हैं। क्षय रोग की पुष्टि होने पर डाट्स की दवा दी जाती है। उन्होंने बताया कि पूरे जिले में नौ हृदय रोग यूनिट, 49 माइक्रोस्कोपी सेंटर तथा 607 डाट्स सेंटर कार्यरत हैं। रेलवे चिकित्सालय में वर्ष 2006 से डाट्स सेंटर चलाए जा रहे है जहां नि:शुल्क दवाओं का वितरण होता है। कैंंसर रिसर्च इंस्टीट्यूट वाराणसी के निदेशक डा. पी.के . मिश्रा ने कहा कि जिस टोक्सिन जहर के कारण पथरी होती है उसी के कारण कैंसर होता है और इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। इसलिए पित्ताशय में पथरी को हल्के में नहीं लेना चाहिए। न्यूरो सर्जन डा. ओ.पी. प्रसाद ने मैनेजमेंट हैड इंजरी विषय पर कहा कि देश में हर दस मिनट पर तीन लोगों की मृत्यु हैड इंजरी के कारण हो रही है। उन्होंने कहा कि तत्काल चिकित्सा सुविधा ही हैड इंजरी से ग्रस्त लोगों की जान बचा सकती है। डा. प्रसाद ने बताया कि जिन रोगियों में उल्टी आना, बेहोशी आना, श्वास लेने में दिक्कत होती है उनका सीटी स्कैन करके तथा दिमाग में खून जम जाने पर वेंटीलेटरी सपोर्ट तथा सर्जरी से उपचार किया जाता है। इस मौके पर मंडल रेल प्रबन्धक उमेश सिंह ने कहा कि चिकित्सा जगत में नितदिन तरक्की हो रही है तथा चिकित्सा क्षेत्र में विभिन्न रोगों के प्रबंधन में नए आयाम स्थापित हो रहे हैं। इसलिए यह आवश्यक है कि चिकित्सक अपना ज्ञानवर्द्धन करते रहें। डा. अग्रवाल ने बुधवार को भारतीय रेलवे चिकित्सा सेवा एसोसिएशन द्वारा पूर्वोत्तर रेलवे इज्जतनगर मण्डल मुख्यालय बरेली के तत्वावधान में चिकित्सा शिक्षण कार्यक्रम लाइफ स्टाइल मॉडिफिकेशन इन कोरोनरी आर्टरी डिजीज एंड हाइपरटेंशन विषय पर आयोजित एक व्याख्यान में कहा कि शिक्षा एक सतत् प्रक्रिया और ज्ञान एक शक्ति है। इसलिए चिकित्सीय क्षेत्र में हो रही नई तकनीक का विकास की जानकारी के आदान-प्रदान में यह कार्यक्रम एक मंच प्रदान करेगा। इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. एम.पी. रावल ने कहा कि विभिन्न रोगों के इलाज के तकनीकों में नित नए बदलाव हो रहे हैं तथा नई-नई दवाएं उपलब्ध हो रही हैं। ऐसे में रेलवे चिकित्सकों को निरंतर अपने आपको अपडेट करना अत्यंत आवश्यक है।
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
|