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इसरो ने की दो नए अभियानों की घोषणा
श्रीहरिकोटा। सभी मौसमों में काम करने वाले राडार इमेजिंग उपग्रह रीसैट-1 के सफल प्रक्षेपण से उत्साहित भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने गुरुवार को घोषणा की कि वह वर्तमान वित्त वर्ष के दौरान दो जीएसएलवी और एक पीएसएलवी का प्रक्षेपण करेगा तथा 2014 में जीएसएलवी के जरिए चंद्रयान-2 अभियान को अंजाम देगा। रीसैट-1 के प्रक्षेपण के तुरंत बाद इसरो प्रमुख के. राधाकृष्णन ने यहां संवाददाताओं से कहा कि चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण 2014 में होगा। हम इस दिशा में काम कर रहे हैं। इसे जीएसएलवी के जरिए अंजाम दिया जाएगा, छह महीने के अंतराल में जीएसएलवी के दो प्रक्षेपणों के बाद। इसरो उपग्रह केंद्र के निदेशक टीके एलेक्स ने कहा कि इसरो चंद्रयान-2 पर रूसी वैज्ञानिकों के साथ काम कर रहा है। हम स्थान के चयन को लेकर चर्चा करेंगे जैसे कि हमें कहां उतरना है। उन्होंने कहा कि इससे संबंधित अन्य कार्य प्रगति पर हैं। इस वित्त वर्ष में दो भूस्थैतिक उपग्रह प्रक्षेपण वाहन (जीएसएलवी) और ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) के प्रक्षेपण पर राधाकृष्णन ने कहा कि इसरो ने 2010 की विफलता का अध्ययन किया है। उन्होंने कहा कि अब जीएसएलवी को एक हजार सेकंड के स्थायित्व परीक्षण और तमिलनाडु के महेंद्रगिरि स्थित तरल प्रणोदक प्रणाली केंद्र के विशेष प्रतिष्ठान में एक निर्वात परीक्षण से गुजारा जाएगा, जहां 300 करोड़ रुपए की लागत से निर्वात परीक्षण प्रतिष्ठान बनाया गया है। उन्होंने कहा कि एक बार हमें जमीनी परीक्षण टीम से हरी झंडी मिल जाए, फिर हम जीएसएलवी प्रक्षेपण के लिए तैयार होंगे ।’ विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के निदेशक पी वीरराघवन ने बताया कि इसरो सितंबर-अक्टूबर 2012 में जीएसएलवी डी-5 के जरिए कम लागत वाला संचार उपग्रह जीसैट-14 प्रक्षेपित करेगा। उन्होंने बताया कि अक्टूबर 2012 में पीएसएलवी सी-20 की मदद से भारतीय-फ्रांसीसी उपग्रह ‘सरल’ और चार छोटे उपग्रह प्रक्षेपित किए जाएंगे। इस अगस्त में पीएसएलवी सी-21 के जरिए फ्रांसीसी उपग्रह ‘स्पॉट’ प्रक्षेपित किया जाएगा। जीएसएलवी मार्क-3 पर उन्होंने कहा कि इंजनों की उप प्रणालियों का परीक्षण किया जा रहा है और इसे पूरा होने में दो साल लगेंगे। सभी परीक्षणों के बाद 2012-13 में क्रायोजनिक इंजनों के बिना प्रायोगिक उड़ान को अंजाम दिया जाएगा । राधाकृष्णन ने यह भी कहा कि इसरो ने 10वीं पंचवर्षीय योजना में 20 अभियानों पर 13 हजार करोड़ रुपए के खर्च के विपरीत 11वीं पंचवर्षीय योजना में 29 मिशनों पर 20 हजार करोड़ रुपए खर्च किए । अधिकांश राशि दूर संवेदी कार्यक्रमों के लिए छह से आठ रूसी क्रायोजनिक इंजन और उपकरण हासिल करने पर खर्च हुई । रीसैट-1 की कीमत 488 करोड़ रुपए है। 110 करोड़ रुपए प्रक्षेपण वाहन और 378 करोड़ रुपए उपग्रह पर खर्च हुए ।
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
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