Re: स्वास्थ्यवर्द्धक समाचार : नए शोध और खोजें
फ्लोराइड की समस्या से निजात दिलाने के लिये नए संयंत्र
हैदराबाद। पानी में फ्लोराइड की अधिक मात्रा को कम करने वाले संयंत्रो को डिजाइन करने वाले भारतीय रसायन तकनीक संस्थान द्वारा अब राजस्थान में भी फ्लोराइड नियंत्रण कर योजना बनाई जा रही है। संस्थान द्वारा पहले फ्लोरोसिस से प्रभावित कई गांवों में ऐसे संयंत्र लगाए जा चुके हैं जो भूजल में फ्लोराइड की मात्रा को कम कर सकें। भूजल में फ्लोराइड की मात्रा कम करने से पानी को पीने योग्य बनाया जा सकता है। फ्लोरोसिस एक भीषण बीमारी है जो पानी में फ्लोराइड की अधिक मात्रा के कारण होती है। इसमें हड्डियों और दांतों पर दुष्प्रभाव पड़ता है। इससे भारत भर में लाखों लोग प्रभावित हुए हैं, खासतौर पर राजस्थान और आंध्र प्रदेश में इसके पीड़ितों की संख्या अधिक है। संस्थान के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने बताया कि आंध्र प्रदेश के गांवों में लगाए संयंत्रों के बाद राजस्थान में भी इन्हें लगाने के लिए बात की जा रही है। संस्थान के इन संयंत्रों को देश भर में पानी को फ्लोराइड रहित बनाने का मॉडल बनाया जा सकता है। परियोजना का नेतृत्व करने वाले एस श्रीधर ने बताया कि यदि हमें पर्याप्त कार्यबल और धन मुहैया कराया जाता है तो हम राजस्थान में डिफ्लोराइडेशन संयंत्र लगा सकते हैं जो अन्य संगठनों द्वारा बनाकर स्थापित किए जा सकें। श्रीधर नालगोंडा में छह संयंत्र लगाने की योजना का नेतृत्व कर रहे हैं। नलगोंडा जिले के गांवों में भूजल में फ्लोराइड की मात्रा 20 पीपीएम (पार्ट्स पर मिलियन) तक पहुंच चुकी है। उनका कहना है कि इस योजना की सफलता के लिए ग्राम पंचायत और गैर सरकारी संगठनों का योगदान भी अहम है।
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
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