Re: बाबा रे बाबा , न बाबा न !
एक फकीर ,साधु ,महात्मा ,बाबा ,संत को, सत्ता ,धन ,संपत्ति ,साम राज्य ,सिंघासन ,जय जय कार ,अहंकार ,सेना रखने की क्या जरुरत हे । अपनी शक्ति बताने की क्या जरुरत हे अपनी ताकत बताने की क्या जरुरत हे ,इन सब में एक साधु एक बाबा का कैसा मोह ,कैसी जरुरत । मैंने तो ऐसे ऐसे जैन साधु और बाबाओ को देखा हे । जो इंद्र देव की तरह अपना जीवन बिता रहे थे ,करोडो रुपयों की उनके पास धन दोलत थी सैकड़ो नोकर उनकी सेवा में खड़े रहते थे ,बाहर आने जाने के लिए दस दस कारे उनके बंगले के बाहर हर समय खड़ी रहती थी ,दुनिया के कई देशो में उनका व्यापार था और देश के कई शहरो में व कई देशो में उनके रहने के लिए बंगले थे । ऐसे सुखी जीवन बिताने वालो ने इन सब चीजो को ठोकर मारकर एक साधु का, एक बाबा का जीवन अपना लिया । आज वे पेट के लिए रोटी और तन ढंकने के लिए सफ़ेद सूती सस्ते कपडे भी भिक्षा मांगकर लेते हे और रात को सोने के लिए भी कोई भी बिना पैसो की धर्मशाल ढूंढ़ लेते हे । वो ना तो अपने पास पैसा रखते हे और ना ही किसी से पैसा मांगते हे ,पैसे को वो बाबा पाप की वस्तु मानते हे ,कही दुसरे शहर आने जाने के लिए वे कार मोटर ,रेल ,हवाई जहाज का भी उपयोग नहीं करते हे जहा भी उन्हें जाना हे अपने पैरों से चलकर ही वे जाते हे, वे अपने पैरो में चप्पल भी नहीं पहनते हे सदा नंगे पैर ही चलते हे कितना कठिन होता हे एक साधु धर्म का पालन करना ,फिर भी वे हँसते हुए मुस्कराते हुए साधु और बाबा के धर्म का पालन करते हे । यह हे एक असली साधु और बाबा का रूप । आज कल ऐसे भी साधु और बाबा भी देखे हे जिनके पास बीस साल पहले कुछ नहीं था और साधु और बाबा बनते ही एक रास्ट्रीय बैंक से भी ज्यादा धनवान बन गए हे ,देश के छोटे राज्य से भी अधिक सम्पति के मालिक बन गए हे ,विदेशो में भी बड़े बड़े टापुओ के रूप में भी उनके पास सम्पति हे ,विदेशो में टापुओ के रूप में सम्पति तो शायद भारत सरकार के पास भी नहीं हे । ये बाबा इतने अल्प समय में ही इतने धनी कैसे बन गए हे । कहते हे बड़े बड़े उद्योग पति इनके चेले हे वे ही इन्हें दान में देते हे । मैंने तो बड़े बड़े उद्योग पतियों को भी एक कार खरीदने के लिए भी बैंक से लोन लेते देखा हे उनके सभी उद्योग और पूरा धंधा ही बैंक लोन से ही चलता हे ,अगर उद्योग पतियों के पास इतना अधिक धन होता तो वे अपने रहने के बगले और फेक्टरिया बैंक में लोन के एवज में गिरवी क्यों रखते । अगर साधु बन कार अल्प समय में इतना धन कमाया जाता हे देश के हर नागरिक को साधु बनना चाहिए और मिडिया को भी ऐसे धनी साधु और बाबा को धनी बननेके नुस्के पूछने चाहिए ताकि मिडिया के माध्यम से पूरा देश को धनी बनाया जा सके ।
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घर से निकले थे लौट कर आने को
मंजिल तो याद रही, घर का पता भूल गए
बिगड़ैल
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