Re: सत्यमेव जयते
‘सत्यमेव जयते’ की पहली कड़ी में कन्या भ्रूण हत्या के प्रति जागरूकता फैलानेकी कोशिश की गई। इसमें अहमदाबाद, दिल्ली और मध्य प्रदेश के तीन मामलों के जरिए आमिर खान ने दिखाया कि लड़के की चाह में अंधे कुछ परिवार किस तरह कन्या भ्रूण की हत्या कर देते हैं। उन्होंने लोगों की इस धारणा को भी तोड़ने का प्रयास किया कि कन्या भ्रूण की हत्या सिर्फ गांवों या छोटे कस्बों में होती है।
आमिर ने कहा कि बच्चे का लिंग पिता के क्रोमोजोम पर निर्भर करता है। ऐसे में महिलाओं को इसके लिए कुसूरवार ठहराना ठीक नहीं। उन्होंने कहा, ‘अगर हम दुर्गा की पूजा करते हैं तो कन्या भ्रूण को क्यों मारते हैं।’ आमिर के इन शब्दों से कभी लोगों के आंसू छलके, तो कभी उनका गुस्सा फूट पड़ा। भावनाओं का यह सैलाब स्टूडियो से बाहर निकलकर घरों में टीवी स्क्रीन पर बैठे दर्शकों तक भी पहुंच गया। सभी ने आमिर के प्रयास की सराहना की।
ट्विटर और फेसबुक जैसी सोशल साइट्स पर मिस्टर परफेक्शनिस्ट के लिए बधाइयों का तांता लग गया। ‘सत्यमेव जयते’ की आधिकारिक वेबसाइट पर तो संदेशों की ऐसी बाढ़ आई कि यह कुछ देर के लिए ठप पड़ गई। आमिर शो को मिली शानदार प्रतिक्रिया से बेहद खुश हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं न ही चीजें बदल सकता हूं, न ही किसी समस्या का समाधान कर सकता हूं। मैं सिर्फ मुद्दे उठा सकता हूं। बदलाव लाना आपके हाथों में है।’
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