Re: सत्यमेव जयते
'सत्यमेव जयते' के जरिए आमिर की दमदार प्रस्तुति ने समाज में सन्नाटे की रेखा खींच दी है। बरसों से चली आ रही 'बालिकाओं की खामोश हत्या' और 'नन्ही चीखों' से बेखबर समाज के मुंह पर जैसे किसी ने जोरदार तमाचा जड़ दिया हो।
समाज का विकृत सच देख कर आने वाली पीढ़ी के मस्त-बिंदास नौजवानों के मुंह खुले के खुले रह गए। कल तक स्त्री-पुरुष भेदभाव को मात्र 'फेमेनिज्म' मान लेने वाले युवा उसी विषय पर आमिर की विशेष तैयारी और गहन रिसर्च को देखकर हतप्रभ रह गए। आमिर की आंखों के आंसू उनकी आंखों से भी ढूलक पड़े।
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