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Old 07-05-2012, 06:23 PM   #9
prashant
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prashant is a jewel in the roughprashant is a jewel in the roughprashant is a jewel in the roughprashant is a jewel in the rough
Default Re: बाबा रे बाबा , न बाबा न !

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Originally Posted by ndhebar View Post
उस कृपा की गुणवत्ता के बारे में आपके क्या विचार है जो पानीपूरी या समोसे खाने से आती है
निर्मल बाबा तो स्वाद के साथ कृपा भी बाँट रहे है.....
लेकिन इससे भी एक बिजनस स्ट्रेटेजी बन सकती है...
निर्मल बाबा अपने ब्रांड के समोसे कचोरी चाट बना कर बेच सकते है.....
कहना चाहिए की कृपा चाहिए तो हमारे बनाये गए समोसे पानी पूरी खाओ.
इससे उनका मुनाफा और बढ़ जायेगा.
लेकिन एक बात माननी पड़ेगी की निर्मल बाबा के द्वारा बताये गए आसान और स्वादिष्ट तरीको के कारण ही उनकी प्रसिद्धि बढ़ी है.भक्त भी सोचते है की समोसा खाने के काम बन जायेगा.यदि एक दो केश में तुक्का काम कर जाता है तो बाबा की चांदी ही चांदी २००० रूपये सवाल पूछने के मिले वो अलग ऊपर से दसवंत भी....

इस कृपा के गुणवत्ता की बात है तो इनके भक्त ही कुछ कह सकते है.
मैं तो टीवी पर बाबा पर चलते प्रोग्राम को नहीं देखता हूँ.
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Love is like a drop of dew.Which is clean and clear.
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