Re: आपस की बात अलैक शेरमन के साथ (Aapas ki Baat)
अब हमें यह विचार करना चाहिए कि आखिर पंजाब के लोगों की यह मानसिकता क्यों बनी, जिससे भारत के शेष हिस्से बरी रहे ! दरअसल इसका रहस्य यहां के कृषि क्षेत्र के विकास में छुपा है ! पंजाब का सुव्यवस्थित 'एग्रीकल्चर सिस्टम' भारत में सबसे पुराना, लगभग डेढ़-दो सौ साल पुराना है ! इसके लिए पानी, जमीन-जायदाद के झगड़ों के निपटारे, लगान आदि की वसूली एवं इससे जुड़े अन्य मसलों आदि के लिए अफसरों की भर्ती अंग्रेजों ने यहीं से की थी ! दूसरी ओर यहां का जागीरदार, राजे-रजबाड़ों का तबका भारत के अन्य हिस्सों से ज्यादा, बल्कि कहें सबसे अधिक और शक्तिशाली ही नहीं था, ब्रिटिश सेना में भी सबसे ज्यादा लोग यहीं के और इसी बिरादरी के थे ! ब्रिटिश सैन्य बलों की ज्यादातर भर्ती उन्हीं इलाकों से हुई थी, जो बाद में पाकिस्तान का हिस्सा बने अर्थात स्पष्ट है कि इस हिस्से का राजनीतिक तबका, सैन्य बल और नौकरशाही सब आपस में न सिर्फ जुड़े हुए, बल्कि घुले-मिले थे ! बंटवारे के समय प्रशासनिक सेवा में लगभग पांच सौ बड़े अफसर थे, जिनमें से तकरीबन सौ-सवा सौ मुस्लिम थे ! इनमें से लगभग एक सौ दस पाकिस्तान चले गए और शेष भारत में ही रह गए ! ज़ाहिर है कि ये सभी इन्हीं इलाकों के थे ! पाकिस्तान बनने के बाद सत्ता पर ज्यादातर यही लोग काबिज़ हुए और चूंकि उनकी मानसिकता में इन इलाकों के लिए अंग्रेजों का ईजाद किया 'केंद्रीकृत सिस्टम' जड़ें जमाए था, पाकिस्तान के परिवेश पर वह हावी हो गया, इसी के कारण पाकिस्तान भारत से अलग राह पर चल निकला ! लेकिन यह सिर्फ एक कारण है, कई और वज़हें अभी शेष हैं, जिन पर मैं आगे चर्चा करूंगा !
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
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