Re: डार्क सेंट की पाठशाला
सभी मौसम अच्छे बशर्ते ...
एक गांव में एक सेठ रहते थे। वे काफी विचारवान थे और हर फैसला काफी सोच समझ कर किया करते थे। जब सेठ का बेटा जवान हुआ, तो सेठ ने निश्चय किया कि वह अपने पुत्र के लिए ऐसी समझदार वधू लाएंगे, जिसके पास हर समस्या का समाधान हो। वे अपने विवेक के साथ समझदार लड़की ढूंढने में जुट गए। सेठ जब भी किसी लड़की को देखने जाते, तो उससे प्रश्न करते कि सर्दी, गर्मी और बरसात में सबसे अच्छा मौसम कौन सा होता है? एक लड़की ने सेठ को उत्तर दिया - "गर्मी का मौसम सबसे अच्छा होता है। उसमें हम लोग पहाड़ पर घूमने जाया करते हैं। सुबह-सुबह टहलने में भी काफी सुख मिलता है।" दूसरी लड़की से मिले, तो उससे भी वही सवाल किया। उस लड़की ने कहा - "मुझे तो सर्दी का मौसम पसंद है। इस मौसम में तरह - तरह के पकवान बनते हैं। हम जो भी खाते हैं, सब आसानी से पच जाता है। इस मौसम में गर्म कपड़ों का अपना ही सुख है।" सेठ तीसरी लड़की से मिले और फिर वही सवाल दागा, तो उस लड़की ने कहा - "मुझे तो वर्षा ऋतु सबसे ज्यादा पसंद है। इस मौसम में पृथ्वी पर चारों ओर हरियाली होती है। खेतों-खलिहानों से मिट्टी की सोंधी-सोंधी खुशबू आती है। कभी-कभी तो उसमें इतनी महक होती है कि उसे खाने की इच्छा होती है। आसमान में इंद्रधनुष देखकर मन बेहद आनंदित हो जाता है। इसके अलावा बारिश में भीगने का अपना ही मजा है।" सेठ को तीनों लड़कियों की बातें अच्छी तो लगीं, पर वह उनके जवाब से संतुष्ट नहीं हुए। अपनी इच्छा के अनुसार जवाब न मिलने के कारण वह थोड़ा निराश भी हो गए और उन्होंने सोचा कि शायद वे अपने बेटे के लिए अपने विचारों वाली बहू नहीं ढूंढ पाएंगे। तभी अचानक एक दिन वे अपने एक रिश्तेदार के घर पहुंचे, जहां उनकी मुलाकात एक लड़की से हुई। उससे भी उन्होंने वही सवाल दोहराया। लड़की ने जवाब दिया - "अगर हमारा मन और शरीर स्वस्थ है, तो सभी मौसम अच्छे हैं। अगर हमारा तन-मन स्वस्थ नहीं है, तो हर मौसम बेकार है।" सेठ इस उत्तर से बेहद प्रभावित हुए। उन्होंने उस लड़की को बहू बना लिया।
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
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