Re: मीडिया स्कैन
सबक तो सीखें
क्या पाकिस्तान कभी यह सीखेगा कि किसी भी तरह की पाबंदी का उल्टा असर होता है और ये पाबंदियां आखिरकार हमें मजाक का विषय ही बनाती हैं। क्या कायदा-कानून बनाने वाले हमारे रहनुमा कभी यह कबूल करेंगे कि दुनिया की चौकीदारी करने की कोशिश बेकार है। इन सवालों के जवाब हैं - नहीं। एकाध साल पहले की ही बात है। लाहौर हाईकोर्ट के निर्देश पर पाकिस्तान टेलीकम्युनिकेशंस अथॉरिटी (पीटीए) ने 800 वेबपेजों और यूआरएल्स पर रोक लगा दी थी। इनमें फेसबुक और विकीपीडिया के वे हिस्से भी शामिल थे, जिनमें ईशनिंदा से जुड़ी चीजें थीं। पीटीए के इस कदम की काफी नुक्ताचीनी हुई थी और वह मजाक बनकर रह गया, क्योंकि उन वेबसाइटों तक पहुंचने के अनगिनत रास्ते थे, जिन पर पाबंदी लगाई गई थी। इंटरनेट पर काबू करने का एक ही रास्ता है कि पूरे पाकिस्तान को इससे विलगा दिया जाए और ऐसी सूरत में पीटीए को पीछे हटना पड़ा था, लेकिन इस वाकये से कोई सबक नहीं सीखा गया। इन आहत करने वाली सामग्रियों को लेकर पाकिस्तान भी वैसा ही कुछ कर सकता है, जो दुनिया के दूसरे इलाकों में होता है यानी उन्हें महत्व ही नहीं दीजिए। सेंसरशिप और पाबंदी से समस्या दूर नहीं होगी।
-द डॉन
पाकिस्तान का प्रमुख अखबार
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
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