Re: डार्क सेंट की पाठशाला
खुशनुमा और सकारात्मक बनें
अगर आप रोज सुबह सकारात्मक मूड में ऑफिस जाते हैं, तो आपकी छवि ऐसे व्यक्ति की बन जाएगी, जिस पर तनाव, मुश्किलों और समस्याओं का असर उस तरह नहीं होता, जिस तरह एक बतख की पीठ पर पानी का। इससे आपकी छवि ऐसे व्यक्ति के रूप में बन जाएगी, जो हमेशा नियंत्रण में रहता है और शांत, आरामदेह, आत्मविश्वास से परिपूर्ण और बहुत परिपक्व है। यह सब किसी एक गाने की धुन से भी हो सकता है, जिसकी सीटी बजाते हुए आप अपनी डेस्क तक पहुंचते हैं। हर समय खुशनुमा रहें। बाहर बारिश हो रही है, काले बादल छाए हुए हैं और जाड़े की दोपहर बहुत उदासी भरी है। बिजनेस मंदा है, ब्याज दरें एक बार फिर ऊपर चढ़ गई हैं, बॉस खराब मूड में है अथवा हर कर्मचारी मुंह लटकाए बैठा है। इसके बावजूद आप अपनी मुस्कान को मिटने न दें। ठीक है, यह बुरा दिन है; लेकिन यह गुजर जाएगा और सूरज आसमान में दोबारा लौट आएगा। आपकी स्थिति चाहे जो हो, चीजें हमेशा बेहतर होंगी। खुशनुमा और सकारात्मक नजरिया कायम रखना एक कला है। पहले तो आपको इस पर यकीन करने की जरूरत नहीं है - बस, इसे कर दें। नाटक करें। अभिनय करें, लेकिन करें। कुछ समय बाद आप पाएंगे कि आप नाटक नहीं कर रहे, आप तो वाकई खुशनुमा महसूस कर रहे हैं। यह एक चाल है। आप किसी दूसरे से नहीं खुद से चाल चल रहे हैं। मुस्कुराने से आपके हार्मोन प्रवाहित होते हैं। ये हार्मोन आपको बेहतर महसूस करवाएंगे। जब आप बेहतर महसूस करेंगे, तो आप ज्यादा मुस्कुराएंगे। इससे और हार्मोन पैदा होंगे। इसके लिए सिर्फ पहले कुछ दिन मुस्कुराने का नाटक करना पड़ेगा। इसके बाद तो ऐसा चक्र शुरू हो जाएगा कि आपको हर वक्त बेहतर महसूस होने लगेगा। जब आपको खुशनुमा और सकारात्मक व्यक्ति के रूप में देखा जाने लगेगा, तो लोग आपके साथ ज्यादा वक्त गुजारना चाहेंगे। खुशनुमा व्यक्ति जैसा शक्तिशाली चुंबक दूसरा नहीं होता। खुशनुमा बनने और सकारात्मक बनने में गुजारा गया हर पल आपकी जिंदगी में एक पल जोड़ देता है। बेहतर ही चुनें। अब चुनाव सिर्फ आपके हाथ में है।
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
Last edited by Dark Saint Alaick; 29-05-2012 at 11:06 PM.
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