Re: मीडिया स्कैन
संकट की अर्थव्यवस्था
उन्होंने मौका फिर गंवा दिया, जबकि ग्रीस की मंदी से बैंकों के दिवालिया होने की आशंका बढ़ गई है। पूरे यूरोप पर आर्थिक संकट के बादल घुमड़ रहे हैं। बावजूद इसके यूरोप के शासक इस हफ्ते एक आवश्यक कदम उठाने में विफल रहे, जबकि उन्हें इसकी सख्त जरूरत थी। बीते बुधवार की डिनर मीटिंग से चंद रोज पहले ऐसा लग रहा था कि जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल कठोर कदमों से पीछे हटेंगी। दरअसल जब फ्रांस के राष्ट्रपति चुनाव में फ़्रैन्कोइस होल्लांद को अपने प्रो. ग्रोथ एजेंडे के बूते जीत मिली, तब अचानक मर्केल बोल पड़ीं कि ग्रीस और दूसरे देशों में विकासवादी कार्यक्रम सुचारु रूप से चलाने के लिए कुछ मदद की संभावना बनती है, लेकिन बुधवार को ग्रीस व यूरो जोन के दूसरे देशों की मदद की बजाय वह खर्च कटौती व असंभव लक्ष्यों पर जोर देने लगीं। वैसे यह स्पष्ट है कि मितव्ययिता विफल रही है और यह अर्थव्यवस्था के सिकुड़ने की निशानी है। इससे यह और मुश्किल हो जाता है कि कर्ज में डूबे देश उधार चुका पाएं। राजनीतिक परिदृश्य भी साफ नहीं है। इसी महीने ग्रीस के पार्लियामेंट चुनावों में मतदाताओं ने उन दो दलों के उम्मीदवारों को खारिज कर दिया, जो जर्मन आदेशित पैकेज के समर्थन में थे। जाहिर है आर्थिक असमंजस का माहौल है।
-द न्यूयॉर्क टाइम्स
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