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‘धर्मनिरपेक्ष दलों’ ने मुसलमानों के साथ वादाखिलाफी की : अहले हदीस
नई दिल्ली। मुस्लिम संगठन जमीयत अहले हदीस ने देश में सांप्रदायिक हिंसा को रोकने के लिए एक सख्त कानून बनाने की मांग करते हुए कहा है कि देश के सभी ‘धर्मनिरपेक्ष दलों’ ने मुसलमान के साथ सुरक्षा एवं विकास से जुड़े वादों को पूरा नहीं किया है। अहले हदीस के महासचिव मौलाना असगर अली सलफी ने आज यहां कहा, ‘मुसलमान बीते 60 साल से किसी न किसी धर्मनिरपेक्ष पार्टी पर भरोसा जताता रहा, लेकिन हर बार उसके साथ किए गए वादों को पूरा नहीं किया गया।’ उन्होंने कहा, ‘देश के मुसलमानों को आज सुरक्षा के साथ बेहतर तालीम और रोजगार की जरूरत है, लेकिन इस सिलसिले में सरकारी स्तर पर ठोस कुछ नहीं किया गया है। केंद्र की मौजूदा सरकार ने बहुत सारे वादे किए, लेकिन मुझे उन्हें पूरा नहीं किया गया।’ जमीयत अहले हदीस देश के प्रमुख मुस्लिम संगठनों में गिना जाता है और मुस्लिम समुदाय के बीच इसकी अच्छी-खासी पैठ है। मौलाना सलफी ने पिछले दिनों मथुरा के कथित सांप्रदायिक दंगे का हवाला देते हुए कहा, ‘देश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर सरकार को गंभीरता दिखानी चाहिए। ऐसा लगता है कि सांप्रदायिक हिंसा विरोधी विधेयक ठंडे बस्ते में चला गया है। इस तरह की हिंसा को रोकने के लिए सख्त कानून बनना चाहिए।’
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
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