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मुम्बई मामला : पाक अदालत का अभियोजन पक्ष के गवाहों का बयान दर्ज करने से इन्कार
इस्लामाबाद। मुम्बई आतंकवादी हमले में शामिल रहने के आरोपी संदिग्ध आतंकवादियों के खिलाफ सुनवाई कर रही पाकिस्तान की एक अदालत ने शनिवार को अभियोजन पक्ष के दो गवाहों के बयान दर्ज नहीं किए क्योंकि बचाव पक्ष के वकीलों ने गवाही पर कानूनी आपत्ति दर्ज कराई। सूत्रों ने बताया कि रावलपिंडी के अडियाला जेल में बंद कमरे में सुनवाई के दौरान संघीय जांच एजेंसी के अधिकारियों द्वारा पकड़े गए उन मौखिक संदेशों और बातचीत के टेप को लेकर गवाही देनी थी जो हमलावरों और उनके पाकिस्तानी आकाओं के बीच हुई थी। हालांकि न्यायाधीश चौधरी हबीब उर रहमान ने बचाव पक्ष के वकीलों की यह दलील स्वीकार कर ली कि एफआईए के दो अधिकारियों के बयान दर्ज नहीं किए जाने चाहिए क्योंकि आतंकवाद निरोधक अदालत ने हमलों की जांच करने के लिए मुम्बई की यात्रा करने वाले पाकिस्तानी न्यायिक आयोग की ओर से तैयार रिपोर्ट को पहले ही खारिज कर दिया है। सूत्रों ने बचाव पक्ष के वकीलों के हवाले से कहा कि चूंकि अदालत ने भारतीय अधिकारियों की ओर से मुहैया कराए गए साक्ष्यों वाली आयोग की रिपोर्ट को खारिज कर दिया है इसलिए भारत की ओर से मुहैया कराए गए साक्ष्यों पर आधारित एफआईए अधिकारियों की गवाही का भी कोई कानूनी महत्व नहीं है। न्यायाधीश रहमान ने कहा कि भारत जाने वाले पाकिस्तानी आयोग को चार प्रमुख भारतीय गवाहों से पूछताछ करने की इजाजत नहीं दी गई। न्यायाधीश ने कहा कि एफआईए अधिकारियों के बयान दर्ज कराए जाने से पहले भारतीय गवाहों से पूछताछ के मुद्दे को सुलझाना जरूरी है क्योंकि उनकी गवाही भारत में गवाहों से जुड़ी हुई है। गत 21 जुलाई को पिछली सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने अभियोजन पक्ष से भारत सरकार से यह पता लगाने को कहा था कि क्या वह भारतीय गवाहों से पूछताछ की इजाजत देने को तैयार है। न्यायाधीश रहमान ने इसके साथ ही अभियोजन पक्ष के पांच और गवाहों को अपने बयान आगामी चार अगस्त को दर्ज कराने के लिए तलब किया था। सूत्रों ने कहा कि ये गवाह वर्ष 2008 के मुम्बई आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान में की गई जांच की विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराएंगे।
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
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