Re: चर्चा पर खर्चा।
यहां भ्रष्टाचार है मुद्दा, वहां था चुनाव में धांधली
टीम अन्*ना मौजूदा सरकार के घोटालों और भष्टाचार का विरोध कर रही है। टीम ने इस मुहिम की शुरुआत 29 अक्*टूबर, 2010 को एक प्रेस कांफ्रेंस से की थी। तब टीम ने कॉमनवेल्*थ गेम्स में भ्रष्टाचार के मुद्दे को उठाया था। संगठन ने बाद में हाउसिंग लोन स्कैम, आदर्श हाउसिंग स्कैम, 2 जी स्कैम और राडिया टेप स्कैंडल को जोरशोर से उठाया। अंततः इस टीम ने अन्ना हजारे के नेतृत्व में 5 अप्रैल 2011 से जनलोकपाल कानून के पक्ष में आमरण अनशन की शुरूआत की। इसके बाद से यह आंदोलन पिछले डेढ़ सालों से जारी है।
जेपी का आंदोलन इमरजेंसी के विरोध में था। इसकी शुरुआत तब हुई जब 25 जून, 1975 को इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल की घोषणा कर दी। यह सब हुआ इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस फैसले से जिसमें इंदिरा गांधी को चुनाव में धांधली करने का दोषी पाया गया और उन पर छह वर्षों तक कोई भी पद संभालने पर प्रतिबंध लगा दिया गया। लेकिन इंदिरा गांधी ने इस फैसले को मानने से इनकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की घोषणा की और 26 जून को आपातकाल लागू करने की घोषणा कर दी गई।
आपातकाल लागू होते ही आंतरिक सुरक्षा कानून (मीसा) के तहत राजनीतिक विरोधियों की गिरफ्तारी की गई। इनमें जयप्रकाश नारायण, जॉर्ज फर्नांडिज और अटल बिहारी वाजपेयी भी शामिल थे। आपातकाल लागू करने के लगभग दो साल बाद विरोध की लहर तेज होती देख प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने लोकसभा भंग कर चुनाव कराने की सिफारिश कर दी। चुनाव में कांग्रेस की बुरी तरह हार हुई। खुद इंदिरा गांधी रायबरेली से चुनाव हार गईं। जनता पार्टी भारी बहुमत से सत्ता में आई और मोरारजी देसाई प्रधानमंत्री बने।
|