Re: अपनी गैल्यां इब अपनी करतूतां की किताब लेतì
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Originally Posted by sombirnaamdev
जख्म जो मेरे दिल पे तन्नै दिलदार दिए उन जखमां का हिसाब लेती जाइये .
अपनी गैल्यां इब अपनी करतूतां की किताब लेती जाइये !
आज मेरे दिल पै तन्नै कटारी मारी सै
बाकी कुछ न रह्या जान लिकड़ी जा री सै
आज भीतरले तै उगले होया तिजाब लेती जाइये !
इतने जख्म मेरे दिल पे क्यों तन्नै मेरे दिलदार दिए
क़सर मरण ना रह री तन्नै जीते जी मार दिए
सूखे फूल किताब मै तै काढ के गुलाब लेती जाइये !
मोड़ दिए मेरे मुंदरी छल्लेआर मोतियाँ आली माला
बाहर सै तै ढोली दिखे तेरे भीतरले मै काला
कड़े दिए थे प्यार तै आज वो अपने रुमाल लेती जाईये
कह " नामदेव " थम छोड़ दियो रै झूटे जाल फैलाना
आर मीठी मीठी बोल के इन छोरयाँ नै अपने जाल मैं फ़साना
मेरी बाताँ का आखीर तै कोइ जवाब देती जाईये
लेखक सोमबीर सिंह सरोया
mob no 9321083377
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भाई रे चाला पाड दिया !
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