Re: डार्क सेंट की पाठशाला
जज्बे और क्षमता पर भरोसा रखें
महिलाओं को उनके अधिकारों से वंचित करना किसी धार्मिक परंपरा का हिस्सा नहीं हो सकता। महिला अधिकार ही मानवाधिकार है और मानवाधिकार ही महिला अधिकार है। महिलाओं के अधिकारों की रक्षा किए बगैर आप मानवाधिकारों की रक्षा नहीं कर सकते। एक महिला जब तरक्की करती है, तो सच मानिए पूरा समाज तरक्की करता है। अब तो शिक्षा ने महिलाओं के विकास के नए दरवाजे खोले हैं। आज महिलाएं बड़ी कंपनियों का नेतृत्व कर रही हैं, बेहतरीन खिलाड़ी हैं, शिक्षा और राजनीति में भी उन्हें उच्च पद हासिल हुए हैं। महिलाएं सामाजिक कार्यों में भी पीछे नहीं हैं। शिक्षा महिलाओं के विकास के लिए ही नहीं बल्कि पूरे समाज के विकास के लिए बेहद जरूरी है। अगर किसी समाज को आगे बढ़ाना है तो सबसे पहले इसकी महिलाओं को शिक्षित करना होगा। महिलाओं को पीछे धकेलकर कोई समाज आगे नहीं बढ़ सकता। शिक्षा केवल महिलाओं को किताबी ज्ञान नहीं प्रदान करती बल्कि उनके अंदर आत्मविश्वास पैदा करती है। महिलाओं का आत्मविश्वास ही समाज की ताकत है। दुनिया के सामने इस समय कड़ी चुनौतियां हैं। आर्थिक मंदी, आतंकवाद, ग्लोबल वार्मिंग, यौन उत्पीड़न, बीमारियों का प्रकोप और बहुत कुछ। महिलाएं इन समस्याओं से निपटने में अहम भूमिका अदा कर सकती हैं। महिलाएं खुद अपने आदर्शो व विचारों की दूत हैं। उनको दुनिया का नेतृत्व करना है, इन तमाम चुनौतियों से निपटने के लिए। उनकी भूमिका केवल घर व समाज तक सीमित नहीं है। महिलाओं में समाज और दुनिया को चलाने की क्षमता है, कठिनाइयों से जूझने का जज्बा है। महिलाएं पुरुषों से कम नहीं हैं। हर क्षेत्र में उनका दखल होना चाहिए, हर क्षेत्र में उनका वजूद होना चाहिए, परंतु तरक्की के नए अवसरों के साथ ही महिला की जिम्मेदारी बढ़ जाती है। वे अपने समाज का भविष्य तय कर सकती हैं और नई मिसाल कायम कर सकती हैं। महिलाओं को अपने जज्बे और क्षमता पर पूरा भरोसा करना चाहिए।
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
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