Re: भारतीय सिनेमा : एक संक्षिप्त परिचय
चेन्नई। भारत की पहली बोलती फिल्म आलम आरा हमेशा के लिए खामोश हो गई। देश में कहीं भी अब इस फिल्म के प्रिंट नहीं बचे हैं। सूचना और प्रसारण मंत्रालय के एक अधिकारी ने यह सनसनीखेज खुलासा किया है।
चेन्नई में क्षेत्रीय सिनेमा पर आयोजित एक सेमिनार में सूचना व प्रसारण मंत्रालय के संयुक्त सचिव वी.बी. प्यारेलाल ने कहा कि 1931 में बनी आलम आरा के प्रिंट नष्ट हो चुके हैं। आलम आरा के प्रिंट राष्ट्रीय अभिलेखागार सहित कहीं भी मौजूद नहीं हैं। राष्ट्रीय अभिलेखागार में अब केवल इस फिल्म से जुड़े फोटोग्राफ और कुछ मीडिया चित्र ही मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में हम फिल्मों से जुड़ी चीजों का संग्रह कर रहे हैं। मैं फिल्म उद्योग से जुड़े लोगों से अनुरोध करता हूं कि वे अपनी बनाई फिल्म की एक प्रति हमें जरूर भेजें, जिसे हम आने वाली पीढि़यों के लिए संरक्षित कर सकें।
1931 में रिलीज हुई आलम आरा अर्देशर ईरानी के निर्देशन में बनी भारत की पहली बोलती फिल्म थी। राजकुमार और बंजारिन की प्रेम कहानी पर आधारित यह फिल्म एक पारसी नाटक से प्रेरित थी। फिल्म में मुख्य भूमिका मास्टर विट्ठल और जुबैदा ने निभाई थी। पृथ्वीराज कपूर ने भी इस फिल्म में अभिनय किया था।
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