Re: बीरबल की साजिश
हमारे साथ धोखा हुआ है हम इसे बर्दाश्त नहीं कर पायेंगे ………. हमें मयखाने में ही रहने दीजिये ……….!
“नहीं सलीम तुम हिन्दुस्तान का मुस्तकबिल हो और तुम इस कदर टूट जाओगे तो मुगलिया सल्तनत का क्या होगा” ……….. इसलिए भूल जाओ उस कनीज़ को और कल से दरबार में आओ ……..
शहंशाह अकबर यह कहकर सीधा बीरबल के पास गए और उत्साहित होकर बोले …………….!
बीरबल तुमने कमाल कर दिया, क्या तुरुप का पत्ता लाये हो ……. एक ही झटके में सलीम अनारकली को भूल गया …………..! पर ये कौन सी कनीज़ है कभी आगरा शहर में तो नहीं देखा………..?कहते हुए अकबर की आँखों में चमक थी !
हुजूर ये आगरा की नहीं मुंबई शहर की कनीज है वो तो मैंने कुछ एडिटिंग करवाकर अनारकली की तस्वीर लगवा दी ………! जिस से शहजादे ने समझा की उनकी मोहब्बत ने उन्हें रुसवा कर दिया…………. सांप भी मर गया और लाठी भी नहीं टूटी
सब लोग हंसने लगे और इस प्रकार एक शहंशाह ने अपने ही लड़के की परवान चढ़ती मोहब्बत को कुचल दिया...............
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घर से निकले थे लौट कर आने को
मंजिल तो याद रही, घर का पता भूल गए
बिगड़ैल
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