Re: 'बिग बी' के आगे बौने सत्तर
प्रसिद्ध लेखक बन्नी रूबेन ने अपनी किताब 'एंड प्राण' में इस प्रसंग का विस्तृत वर्णन किया है ! 'जंजीर' के लिए काफी समय तक यह मिथक चलता रहा था कि सलीम-जावेद की जोड़ी ने इसे देव आनंद को ध्यान में रख कर लिखा था, लेकिन बाद में जावेद अख्तर ने इसका यह कहते हुए खंडन किया था कि उन्होंने उस समय चल रहे रोमांटिक दौर से अलग कथा लिखने का प्रयास किया था और यह किसी भी तत्कालीन नायक को ध्यान में रख कर नहीं लिखी गई थी ! हां, प्रकाश मेहरा की पहली पसंद अवश्य देव आनंद ही थे और उन्होंने प्राण के जरिए उनसे संपर्क भी किया था ! इस विषय में एक रोचक किस्सा बनी रूबेन ने 'प्राण' पर अपनी किताब में लिखा है कि तीन बार की मीटिंग के बाद देव आनंद ने इस बात पर हैरानी जताई कि इस कहानी में उन पर एक भी गाना नहीं रखा गया है, जबकि वे कम से कम दो गाने गाना चाहते थे ! देव साहब ने प्रकाश मेहरा को यह प्रस्ताव दे डाला कि वे यह कहानी उन्हें सौंप दें, जिस पर वे अपने बैनर 'नवकेतन' से फिल्म बनाएंगे और डायरेक्शन प्रकाश मेहरा ही करेंगे ! ज़ाहिर है प्रस्ताव को दम तोड़ना ही था ! इसके बाद प्रकाश मेहरा ने पहले राज कुमार और फिर राजेश खन्ना से भी संपर्क किया, लेकिन दोनों ने अपने-अपने कारणों से इनकार कर दिया ! तब यह फिल्म अमिताभ बच्चन को मिली ! ज़रा सोचिए, यह फिल्म अगर देव साहब ने की होती, तो आज मुम्बइया फिल्मों का इतिहास ही कुछ और होता !
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
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