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Old 16-10-2012, 08:50 PM   #8
Dark Saint Alaick
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Default Re: नपुंसकामृतार्णव

मित्रो, यहां से मैं संस्कृत का उपयोग ख़त्म कर रहा हूं अर्थात अब सूत्र सिर्फ हिन्दी में चलेगा ! यदि मित्र चाहें, तो मैं साथ ही संस्कृत प्रस्तुत करने को भी तैयार हूं, किन्तु संस्कृत लिखने में अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है ! जैसे ऊपर दिए गए कुछ श्लोकों में अनेक स्थानों पर 'न' के बजाय 'ण' का प्रयोग होना था, किन्तु संयुक्त रूप में काफी प्रयास के बाद भी यह न कर पाने की स्थिति में मैंने 'न' जाने देना ही उचित समझा ! ठीक इसी तरह कुछ स्थानों पर षटकोण वाला 'ष' प्रयोग होना था, किन्तु कई प्रयास के बावजूद मुझे संयुक्त अक्षरों में 'श' ही जाने देने को विवश होना पड़ा ! (इसी तरह) संस्कृत संयुक्त वाक्यांशों में लिखी जाने वाली भाषा है, लेकिन जब मैंने ऐसे वाक्यांश प्रविष्ट किए, तो बीच-बीच में अजीब आकृतियां प्रकट हो गईं, तब मुझे संयुक्त अक्षरों को तोड़ कर प्रस्तुत करना पड़ा ! मेरा संस्कृत के विद्वानों से अनुरोध है कि आप सभी सज्जन मेरी विवशता समझते हुए मुझे क्षमा करेंगे ! धन्यवाद !
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
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