Re: नपुंसकामृतार्णव
मित्रो, यह सम्पूर्ण ग्रन्थ संस्कृत में बहु-प्रचलित गुरु-शिष्य संवाद शैली में लिखा गया है ! इतने श्लोकों के बाद काफी सारे ब्रह्मचर्य एवं आचरण से सम्बंधित हैं, जिन्हें छोड़ कर मैं आगे निकल रहा हूं ! कारण यह है कि इतना यह सब मैंने सिर्फ भूमिका वश प्रस्तुत किया था, ताकि आप सभी को यह विश्वास हो जाए कि मैं वास्तव में एक संस्कृत ग्रन्थ प्रस्तुत कर रहा हूं, कहीं से दादी-नानी के नुस्खे उड़ा कर पेश नहीं कर रहा ... और मेरा मानना है कि अब ये बातें ज्यादा प्रासंगिक नहीं हैं, क्योंकि आज का मनुष्य कल के मुकाबले ज्यादा समझदार है ! इसके बाद मैं अधिकांश जगह संवाद शैली का भी प्रयोग नहीं करूंगा ! यदि किसी मित्र को कहीं कुछ संदेह तो, तो कृपया बेझिझक मुझे कहें, मैं मूल संस्कृत तत्काल प्रस्तुत कर दूंगा ! धन्यवाद !
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
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