Re: स्वास्थ्यवर्द्धक समाचार : नए शोध और खोजें
जीपीएस वाले जूतों की मदद से रखें अल्जाइमर्स के मरीजों पर नजर
लंदन। वैज्ञानिकों ने अल्जाइमर्स के मरीजों पर नजर रखने के लिए जीपीएस लगे हुए जूते डिजाइन किए हैं। इन जूतों में लगे विशेष उपकरणों की मदद से मरीज के रिश्तेदार और मित्र दूर से भी उनपर नजर रख सकते हैं और इससे मरीजों को भी थोड़ी ज्यादा स्वतंत्रता मिलेगी। ‘डेली मेल’ की खबर के अनुसार, ब्रिटेन में ऐसे जूते 250 पाउंड में बिक रहे हैं । इन जूतों में भी कारों में लगने वाले छोटे जीपीएस की तरह के उपकरण लगे हैं। इसकी मदद से इसे पहनने वाले की स्थिति का सही-सही पता लगाया जा सकता है। रिश्तेदार इस जीपीएस प्रणाली के लिए एक खास इलाका भी तय कर सकते हैं । ऐसे में अगर मरीज उस तय क्षेत्र से बाहर जाएगा तो रिश्तेदारों को ईमेल या फिर एसएमएस के माध्यम से तुरंत अलर्ट मिल जाएगा। इस जूते का लोकेशन खोजने के लिए लोगों को अपने स्मार्ट फोन या कंप्यूटर पर एक एप्प डाउनलोड करना होगा । सामान्य जूतों की तरह ही दिखने वाले इस जूते की हील में जीपीएस (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) लगाया गया है । इस उपकरण को देखा या महसूस नहीं किया जा सकता है। हील में लगे इस उपकरण में एक बैटरी, एक सिम कार्ड (जो लोकेशन जानने में मदद करता है) और एक आईसी लगी हुई है जो उपकरण को काम करने में मदद करती है। जूते की हील के पिछले हिस्से में एंटिना और यूएसबी पोर्ट है जिसकी मदद से उसे चार्ज किया जा सकता है। सामान्यतौर पर जूते को प्रत्येक दो दिन में चार्ज करना होता है और बैटरी पूरा चार्ज होने में करीब दो घंटे लगते हैं। इस जूते का विपणन एक अमेरिकी कंपनी कर रही है। जूते का नाम है ‘एट्रेक्स नैवीस्टार जीपीएस शूज’। इस जूते को लॉस एंजिलिस के जीटीएक्स कॉर्प और एंट्रेक्स शूज ने मिलकर बनाया है। जीटीएक्स कॉर्प ने एक जीपीएस का निर्माण किया है। वाशिंगटन डीसी के जॉर्ज मैसन विश्वविद्यालय के कॉलेज आॅफ हेल्थ एण्ड ह्यूमन सर्विसेज के प्रोफेसर एंड्रयू कार्ल ने कहा कि इस जूते से कई लोगों का जीवन बचाया जा सकेगा और बुजुर्गों के साथ होने वाली घटनाओं से बचा जा सकेगा।
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
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