Re: जागृति(१९५४) की पाकिस्तानी नक़ल बेदारी
गाना २
हम लाये हैं तूफ़ान से किश्ती निकाल के : बेदारी (नक़ल)
देशभक्ति के नाम पर जातिवाद और नफरत के साथ साथ कश्मीर पर बेजा कब्ज़ा करने की साजिश किस खूबी के साथ इस गीत में प्रस्तुत की गई है उनकी बानगी इन पंक्तियों में छलक छलक कर नज़र आती है -
दुनिया की सियासत के अजब रंग हैं प्यारे, चलना हैं मगर तुमको कुरान के सहारे .
और
लेना अभी कश्मीर है ये बात न भूलो, कश्मीर पर लहराना है झंडा उछाल के (आपने कभी अपने बच्चों को उन चीज़ों को हथियाने की शिक्षा ना दी होगी जिन पर उनका अधिकार नहीं मगर पाकिस्तान में ये शिक्षा का एक अहम् पहलू नज़र आता है इस गीत में सलीम राजा के एक्सप्रेशंस देख कर)
Last edited by amol; 27-10-2012 at 11:32 PM.
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