Re: जागृति(१९५४) की पाकिस्तानी नक़ल बेदारी
गाना ३
यूँ दी हमें आज़ादी : बेदारी (नक़ल)
इस गीत में तो तथ्य कुछ ऐसे तोड़ मरोड़ दिए गए कि सोच कर ही डर लगता है कि पाकिस्तान में विद्यार्थियों को इतिहास में न जाने क्या पढ़ाया जाता होगा?
ज़रा पंक्तियों पर गौर देने के साथ दृश्यों को अवश्य देखें -
हर चाल से चाह तुझे दुश्मन ने हराना (यहाँ इस्तेमाल में लायी गई है एक स्टॉक फुटेज जिसमें महात्मा गांधी जिन्ना के साथ मुस्कुराते नज़र आते हैं, गाँधी जी उनके दुश्मन हैं और उनकी मुस्कान एक चाल? )
मारा वो दाँव तुने कि दुश्मन भी गए मान - यहाँ स्टॉक फुटेज में गाँधी जी जिन्ना विदा लेते हुए हाथ जोड़ कर नमस्कार करते हैं किंतु उसका कुछ और ही मतलब निकलती हैं ये पंक्तियाँ ।
यदि यह पकिस्तान का इतिहास है तो जिन्ना ने अपनी मृत्युशय्या पर पाकिस्तान को अपनी सबसे बड़ी गलती स्वीकारते हुए कुछ ग़लत नहीं किया ।
Last edited by amol; 27-10-2012 at 11:36 PM.
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