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Old 22-11-2010, 10:15 AM   #3
amit_tiwari
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Default Re: प्राउड टू बी हिन्दुस्तानी PROUD 2 B an Indian

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Originally Posted by anjaan View Post
देखिए भारत बहुत ही विशाल देश है.. 1170 मिलियन लोग रहते है यहा पर.. इस कारण इसकी अपनी समस्याए है.. जिसको हम लोग बाकी देशो से compare नही कर सकते... भारत दुनिया का सबसे बड़ा प्रजातांत्रिक देश है और प्रजातंत्र की कुछ अपनी problems होती है. हमारे yaha भी समस्याऐं है.. और सरकार karya कर रही है.. कई सारे योजनाए ला रही है.. धीरे . धीरे . भारत praghati कर रहा है .. ऐसे में मैं मानता हू हमे साथ मिलकर सरकारऔर देश की प्रगती में योगदान देना चाईए.. ना की उसकी बुराई करनी चाईए..

देश के कुछ problems है.. लेकिन इसके लिए हम सब ज़िम्मेदार है..

माफी चाऊँगा मगर क्या आपने अपने आपसे कभी पूछा है.. आप देश के लिए क्या कर रहे है..

किसी भी चीज़ की बुराई करना आसान है..

आप तो युवा है..और आपको अगर देश में समस्या ही समस्या नज़र आती है तो आयें इस सिस्टम में, पॉलिटिक्स में, administrative सेवा में और सुधारिये इस देश को..

आज का युवा तो mba, engg, करके विदेश में settle होना चाहता है विदेश जाता है तो ओर्कूट और facebook par waha ki photos laga kar fakra karta hai..

और antha mein एक acchi नौकरी और एक accha jiwansathi चाहता है.. उसे देश से कोई मतलब नही रहा

बस यार दोस्तो में कहता है यार i hate पॉलिटिक्स.. इस देश का कुछ नही हो सकता
बन्धु मैंने मात्र राजनीति की बात नहीं कही है और ना ही मैंने कोई आन्दोलन खड़ा करने को कहा है | मैं बस अपने दैनिक जीवन में शुचिता की बात कर रहा हूँ | भाड़ में जाएँ नेता और चूल्हे में जाए अधिकारी पर कम से कम जन सामान्य को लाइन पर आये |
मैं किसी से अपेक्षा नहीं करता की अपना परिवार त्याग कर देश के लिए समाजसेवा करे | किन्तु जितना एक सामान्य नागरिक कर सकता है उतना तो करे! रोज ट्रैफिक नियमों का पालन करे, अपने दरवाज़े के सामने की सार्वजानिक संपत्ति का ध्यान रखे | ऐसी छोटी छोटी चीजें | क्या यह कुछ बड़ा त्याग है ? एक बार सोच के देखें मात्र इतने से ही कितना अंतर आ जायेगा |
रही बात मेरी तो मैं अपने जीवन में सामान्य रूप से जितना संभव हो सकता है उतने दायित्व निभा ही रहा हूँ| मैंने अपना व्यक्तिगत आयकर सर्वशुद्ध रूप से दिया है, मेरी गाड़ी में प्रदूषण का स्तर मानक के अनुरूप है, मैं सर्विस टैक्स भी देता हूँ और जो भी मुझ पर देय हों, हाल ही में विधिक कार्यवाहियों में जहां रिश्वत देकर मेरा कार्य जल्दी हो सकता था वहाँ मैंने १ मॉस अतिरिक्त लगाया है और राजनीतिक रूप से मैं लोक परित्राण का समर्थन करता हूँ और सक्रीय भी हूँ | इससे अधिक करने का अभिप्राय क्या पिछले सन्देश में था ?
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