Re: मरने के बाद
कहां है अड़चन
ऑर्गन डोनेशन ऐक्ट 1994 के नियमों के मुताबिक अंगदान सिर्फ उसी अस्पताल में ही किया जा सकता है, जहां उसे ट्रांसप्लांट करने की भी सुविधा हो। यह अपने आप में बेहद मुश्किल नियम है। इस नियम से दूर-दराज के इलाकों के लोगों का अंगदान तो हो ही नहीं पाता। इस समस्या को देखते हुए सरकार ने 2011 में इस नियम में कुछ बदलाव करने के लिए एक बिल पास किया। नए नियम के मुताबिक अंगदान आप किसी भी आईसीयू में कर सकते हैं। यानी उस अस्पताल में ट्रांसप्लांट न भी होता हो, लेकिन आईसीयू है, तो वहां भी अंगदान किया जा सकता है। यह नियम अभी लागू नहीं हुआ है, लेकिन लागू होने के बाद अंगदान की प्रक्रिया ज्यादा तेज और सुविधाजनक होगी। अंगदान की पूरी प्रक्रिया के साथ इतनी सारी शर्तें जुड़ी होने के कारण अपने देश में आज भी अंगदान बहुत कम हो पाता है। इसी वजह से किसी से अंग लेकर उसे जरूरतमंद में ट्रांसप्लांट करने के मामले बड़े कम होते हैं। साल में कुल 50 के आस-पास लोग ही अंगदान कर पाते हैं।
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बेहतर सोच ही सफलता की बुनियाद होती है। सही सोच ही इंसान के काम व व्यवहार को भी नियत करती है।
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