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Re: आरोग्यनिधि
दूध के साथ दही, तुलसी, अदरक, लहसुन, तिल, गुड़, खजूर, मछली, मूली, नींबू, केला, पपीता सभी प्रकार के फल एवं उनके रस तथा फ्रूट आइसक्रीम आदि नहीं खायें।
फलों का रस दिन के समय ही लें। रात्रि को फलों का रस पीना हितकर नहीं है।
आम के रस की अपेक्षा आम को चूसकर खाना अधिक गुणकारी है।
केले को सुबह खाने से ताँबे जैसी, दोपहर को खाने से चाँदी जैसी और शाम को खाने से सोने जैसी कीमत होती है। श्रम न करने वालों को अधिक मात्रा में केला खाना हानिकारक है।
बीमारी में केला, आम, अमरूद, पपीता, कद्दू, टमाटर, दही, अंकुरित अनाज, कमलकंद, पनीर, सूखी सब्जियाँ, मछली, मावा, बेकरी तथा फ्रीज की वस्तुएँ, चॉकलेट, बिस्किट, कोल्डड्रिंक्स, मिल्कशेक आदि कभी न खायें-पियें। मक्का (भुट्टा), ज्वार, बाजरी, उड़द, आलू, मूँगफली, केला, पपीता, नारंगी आदि बड़ी मुश्किल से हजम होते हैं। आयुर्वेद ने इन्हें दुर्जर कहा है, इसलिए न खायें।
टमाटर, पथरी, सूजन, संधिवात, आमवात और अम्लपित्त के रोगियों के लिए अनुकूल नहीं है। जिन्हें शीतपित्त की शिकायत हो, शरीर में अधिक गर्मी हो, जठर, आँतों या गर्भाशय में छाले हों, दस्त लगे हों, खटाई अनुकूल न हो – वे टमाटर का सेवन न करें।
रात्रि में, वसंत, ग्रीष्म, शरद ऋतु में और बारिश में दही खाना हितावह नहीं है। बुखार, सूजन, रक्तपित्त, कफ, पित्त, चर्मरोग, मेद (मोटापा), कामला, रक्तविकार, घाव, पांडुरोग, जलन आदि में दही न खायें।
बादाम से भरी बर्नी में दो चम्मच शक्कर डालने से महीनों तक बादाम बेस्वाद नहीं होती।
सिर एवं हृदय पर ज्यादा सेंक करने से हानि होती है।
स्नान से पूर्व मालिश करें, फिर व्यायाम करें। व्यायाम के बाद तुरंत स्नान न करें, आधे घण्टे बाद स्नान करें।
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