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Old 15-11-2012, 05:24 PM   #17
amol
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Default Re: रामचर्चा :: प्रेमचंद

रामलक्ष्मण और विश्वामित्र सोन, गंगा इत्यादि नदियों को पार करते हुए चौथे दिन मिथिला पहुंचे। सारे शहर के लोग इन राजकुमारों की सुन्दरता और डीलडौल देखकर उन पर मोहित हो गये। सबके मुंह से यही आवाज निकलती थी कि सीता के योग्य कोई है तो यही राजकुमार है; जैसी सुन्दर वह है वैसे ही खूबसूरत रामचन्द्र हैं। मगर देखना चाहिये, इनसे शिव का धनुष उठता है या नहीं। राजा जनक को विश्वामित्र के आने की खबर हुई तो उन्होंने उनका बड़ा आदर सत्कार किया। जब उन्हें मालूम हुआ कि वह दोनों नौजवान राजा दशरथ के बेटे हैं, तब उनके दिल में भी यही ख्वाहिश हुई कि काश सीता का ब्याह राम से हो जाता; मगर स्वयंवर की शर्त से लाचार थे।
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