Re: बिहारी सदस्यों और असदस्य भाइयों को बधाई
शायद आपने मेरा लिखा हुआ पढा नहीँ
लालु का शासन बहुत खराब था
आपकी बात मान लिया
नितीश का शासन अच्छा हैँ मान लिया
लेकिन मेरे भाई हमलोग नितीश जी खाना तो नहीँ माँग रहेँ हैँ
पन्द्रह साल से एक ब्रिज के लिए तरस रहेँ हमलोग आज भी चचरी पुल का सहारा हैँ
गरीबोँ का नाम ए पी एल सुची मेँ हैँ
क्योँ सुधार तो कर सकते हैँ आज स्कुल मे पढने वाले बच्चे तोँ हैँ टीचर गायब हैँ क्योँ
टीचर की बहाली हुआ हैँ मदरसा लाईन से आपको पता हैँ उनलोगोँ को अपना नाम तक लिखने की तमीज नहीँ हैँ
सिर्फ तीन हजार मध्यान भोजन जो बच्चे के लिए होता हैँ बचाने के लिए टीचर सब झुट पर झुट बोलते हैँ क्योँ
बच्चो के खाने मेँ स्कुल वाले कीडे मकोडे सडा गला खाने को देते हैँ क्योँ
लडकिया होती हैँ स्कुल मेँ एक हजार छः सौ को हीँ साइकिल क्योँ
साईकिल के लिए दो हजार मेँ दो सौ रुपया टीचर रखते हैँ क्योँ
तीन लीटर मिट्टी तेल बाँटने के लिए देता हैँ
जनता को ढाई लीटर क्योँ
पैतीस किलो अनाज के बदले तीस कहीँ बत्तीस किलो क्यो
क्या नितीस कुमार को पता नहीँ हैँ
अगर अच्छे हैँ बडे को छोर कर छोटे छोटे कामोँ को ठीक करे
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दोस्ती करना तो ऐसे करना
जैसे इबादत करना
वर्ना बेकार हैँ रिश्तोँ का तिजारत करना
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