25-11-2010, 03:22 PM
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Re: बिहारी सदस्यों और असदस्य भाइयों को बधाई
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Originally Posted by abhay
आज की जनता तो बिलकुल ही भ्रष्ट हो गई है भ्रष्ट सरकार के हात में परकर भाई बात वही है लालू की सासन का अब नितिस जी लोगो से कान को सीधा न छुआ के उल्टा छुआ रहे है मगर बात तो वही होगा देख लेना बिहार में अब भ्रस्टाचार दूर नहीं है मेरा बात अभी मजाक लगेगा लेकिन जब हकीकत से पाला पड़ेगा तो पता चलेगा की नितिस और लालू में क्या फर्क है मेरा मानना है की दोनों बिहार के बिनास का कारण है , सरकार बिहार में रस्टपति का ही होना बेहतर है जो और देसो में लागु है !
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अभय जी, जहां पर जनता ही भ्रष्ट है तो उसका भला कोई सरकार, राष्ट्रपति शासन तो क्या भगवान का भी शासन हो, तो भी कोई भला नहीं हो सकता है, जनता जिस दिन जग जाएगी, उसी दिन उसका भला हो जाएगा। जब आप खजाना खोलकर लूटाने (हर काम कुछ ले-देकर कराने) के लिए बैठे है तो लेने वाला कतई दोषी नहीं हो सकता है।
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Originally Posted by khalid1741
शायद आपने मेरा लिखा हुआ पढा नहीँ
लालु का शासन बहुत खराब था
आपकी बात मान लिया
नितीश का शासन अच्छा हैँ मान लिया
लेकिन मेरे भाई हमलोग नितीश जी खाना तो नहीँ माँग रहेँ हैँ
पन्द्रह साल से एक ब्रिज के लिए तरस रहेँ हमलोग आज भी चचरी पुल का सहारा हैँ
गरीबोँ का नाम ए पी एल सुची मेँ हैँ
क्योँ सुधार तो कर सकते हैँ आज स्कुल मे पढने वाले बच्चे तोँ हैँ टीचर गायब हैँ क्योँ
टीचर की बहाली हुआ हैँ मदरसा लाईन से आपको पता हैँ उनलोगोँ को अपना नाम तक लिखने की तमीज नहीँ हैँ
सिर्फ तीन हजार मध्यान भोजन जो बच्चे के लिए होता हैँ बचाने के लिए टीचर सब झुट पर झुट बोलते हैँ क्योँ
बच्चो के खाने मेँ स्कुल वाले कीडे मकोडे सडा गला खाने को देते हैँ क्योँ
लडकिया होती हैँ स्कुल मेँ एक हजार छः सौ को हीँ साइकिल क्योँ
साईकिल के लिए दो हजार मेँ दो सौ रुपया टीचर रखते हैँ क्योँ
तीन लीटर मिट्टी तेल बाँटने के लिए देता हैँ
जनता को ढाई लीटर क्योँ
पैतीस किलो अनाज के बदले तीस कहीँ बत्तीस किलो क्यो
क्या नितीस कुमार को पता नहीँ हैँ
अगर अच्छे हैँ बडे को छोर कर छोटे छोटे कामोँ को ठीक करे
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भाई खालिद, आप इतने दुखी क्यों है, इतनी सारी बातों को अपने इस फोरम के सिवाय कहा-कहा उठाया है? इस फोरम के सदस्य वैसे भी इस सबंध मे कोई मदद नहीं कर सकते है।
अगर इसी बात को आप सबंधित विभाग या अधिकारी से करे तो आपकी 75% समस्याओ का हल हो जाएगा या फिर वस्तु-स्थिति स्पष्ट हो जाएगी कि कब तक होगा या क्यों नहीं हो रहा है।
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