बिंदु-बिंदु विचार
हमारी मित्र है ‘मृत्यु’
-रवींद्रनाथ ठाकुर
गुरुदेव रवींद्रनाथ ठाकुर कहा करते थे कि मृत्यु भीषण तथा विकराल नहीं है, वह तो मनुष्य की परम सखा है। उससे हमें भयभीत नहीं होना चाहिए। प्रेम से उसका स्वागत करना चाहिए और अर्ध्य अर्पित करके कृतार्थ हो जाना चाहिए। हम सभी को मृत्यु को एक परम महोत्सव मानना चाहिए। यह उल्लास की अधिकारी है। यहां प्रस्तुत हैं गुरुदेव के कुछ अनुकरणीय विचार।