Re: छत्रपति शिवाजी महाराज की कहानी
मुगलों के साथ संघर्ष
उत्तर भारत में बादशाह बनने की होड़ खतम होने के बाद औरंगजेब का ध्यान दक्षिण की तरफ गया । वो शिवाजी की बढ़ती प्रभुता से परिचित था और उसने शिवाजी पर नियंत्रण रखने के उद्येश्य से अपने मामा शाइस्ता खाँ को दक्षिण का सूबेदार नियुक्त किया । शाइस्का खाँ अपने १,५०,००० फोज लेकर सूपन और चाकन के दुर्ग पर अधिकार कर पूना पहुँच गया । उसने ३ साल तक मावल मे लुटमार कि । एक रात शिवाजी ने अपने ३५० मवलो के साथ उनपर हमला कर दिया । शाइस्ता तो खिड़की के रास्ते बचनिकलने में कामयाब रहा पर उसे इसी क्रम में अपनी चार अंगुलियों से हाथ धोना पड़ा । शाइस्ता खाँ के पुत्र, तथा चालीस रक्षकों और अन्गिनत फोज का कत्ल कर दिया गया । इस घटना के बाद औरंगजेब ने शाइस्ता को दक्कन के बदले बंगाल का सूबेदार बना दिया और शाहजादा मुअज्जम शाइस्ता की जगह लेने भेजा गया ।
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