Re: मेरी रचनाये-4 दीपक खत्री 'रौनक'
तराना गुनगुनाएंगे
दिल से मुस्कुराएंगे
नगमे भी सुनाएंगे
अगर तुम कहो
आरजू रखेंगे तेरी
इबादत करेंगे तेरी
तारीफ करेंगे तेरी
अगर तुम कहो
हर लम्हा तेरे नाम होगा
मोहब्बत मेरा काम होगा
नशे में हरएक जाम होगा
अगर तुम कहो
अगर तुम कहो
दीपक खत्री 'रौनक'
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