Re: सामूहिक बलात्कार के खिलाफ प्रदर्शन
आपने ध्यान नहीं दिया जितेंद्रजी। कोर्ट के स्पष्ट आदेशों के बावजूद बस पर काले शीशे और परदे लगे थे और उस स्थान या कहें रूट पर तैनात पुलिसकर्मी नदारद थे, जिस पर कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को कड़ी फटकार लगाई है और जिम्मेदार अफसरों की पूरी सूची मांगी है। अगर यह कदम समय रहते उठाए गए होते, तो अपराधी यह दुष्कृत्य क्या इतनी निर्भयता से कर पाते। आपने अगर खबरों पर ध्यान दिया हो, तो सूचनाएं हैं कि दिल्ली के स्कूलों की बसों तक में अनेक नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं और दिल्ली पुलिस आंख मूंदे हुए है। क्या ऎसी ही किसी घटना के इंतज़ार में?
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
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